Diksha Thakur

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -30-Jun-2022

किस्मत 

मत कर भरोसा किस्मत पर हे मानव, 
मत हो किसी पर निर्भर हे मानव। 

किस्मत होती है ऐसी, कि तुझे ऊंचा भी कर देगी
किस्मत होती है कि तुझे नीचे भी गिरा देगी। 

एक जगह बैठे- बैठे नहीं चमकेगी तेरी किस्मत, 
कुछ पाने की चाह रखेगा, 
और उसे पाने के लिए परिश्रम करेगा 
तभी तो बनेगी तेरी किस्मत। 

भगवान ने तो लिखी होती है हर किसी की किस्मत, 
पर अगर हम उस किस्मत को बनाने के लिए काम ही नहीं करेंगे 
तो कैसे बनेगी हमारी किस्मत। 

किस्मत का खेल बहुत निराला है हे मानव,
इसलिए खुद की किस्मत खुद बना हे मानव।

दीक्षा ठाकुर ✍✍✍



   13
5 Comments

Shrishti pandey

01-Jul-2022 09:16 PM

Very nicr

Reply

Seema Priyadarshini sahay

01-Jul-2022 09:27 AM

👌👌

Reply

Swati chourasia

01-Jul-2022 07:45 AM

बहुत खूब 👌

Reply